एमबीएम न्यूज/नाहन
लाखों श्रद्धालुओं की आस्था की प्रतीक चूड़धार चोटी पर बर्फबारी को लेकर 8 साल का रिकॉर्ड टूटा है। प्राचीन शिरगुल मंदिर के आसपास 14 से 15 फुट के आसपास बर्फ बिछी हुई है, जबकि आसपास के इलाकों में आंकड़ा 18 फुट तक छू गया है। शनिवार को चोटी पर मौसम साफ रहा।
दरअसल शनिवार शाम को एमबीएम न्यूज नेटवर्क का चोटी पर अकेले रह रहे ब्रह्मचारी कमलानंद जी से संपर्क हो गया। इस दौरान उन्होंने बताया कि आश्रम से मंदिर तक पहुंचने के लिए बनाई गई लकड़ी की गुफा पर पूरी तरह से बर्फ जमी हुई है। उनके मुताबिक 2010 में चोटी पर इतनी बर्फबारी हुई थी।
ऑक्सीजन की कमी को लेकर पूछे गए सवाल पर ब्रह्मचारी कमलानंद जी ने कहा कि आश्रम के कुछ हिस्से की छतों को ऊंचा कर दिया गया था, लिहाजा ऑक्सीजन की कमी महसूस नहीं हो रही। उन्होंने कहा कि बर्फ पिघलाकर पानी का इंतजाम किया जा रहा है। दिनचर्या के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि साधना व योग में ही पूरा वक्त निकल जाता है। उन्होंने कहा कि पहले कुछ सेवक चोटी पर मौजूद थे, लेकिन दो सप्ताह पहले लौट गए थे। ब्रह्मचारी कमलानंद जी ने बताया कि प्राचीन मंदिर में नियमित रूप से पूजा-अर्चना जारी है।
बोले….
विशेष बातचीत के दौरान ब्रह्मचारी कमलानंद जी ने कहा कि महाशिवरात्रि के पर्व पर श्रद्धालुओं काफी संख्या में चोटी पर पहुंच जाते हैं। उन्होंने कहा कि अगर कोई आना चाहता है तो वो अपने ही जोखिम पर आए, क्योंकि आश्रम में कोई भी व्यवस्था नहीं है। उन्होंने कहा कि शिवरात्रि पर श्रद्धालुओं के पहुंच जाने की सूरत में काफी समस्या हो सकती है।
दीगर बात है कि प्रशासन ने श्रद्धालुओं समेत ट्रैकर्स के चोटी पर चढ़ने पर प्रतिबंध लगाया हुआ है। बावजूद इसके स्थानीय लोगों के चोटी पर पहुंचने की संभावना रहती है। उल्लेखनीय है कि हाल ही में नौहराधार से प्रोफैशनल ट्रैकर्स का एक दल चोटी के लिए रवाना हुआ था, लेकिन बीच रास्ते से ही प्रशासन ने दल को वापस बेस कैंप में ही बुला लिया था।बर्फ से ढका प्राचीन शिरगुल मंदिर