नाहन (शैलेंद्र कालरा): ऐसे माता-पिता के साथ-साथ परिवार की खुशी के ठिकाने का अंदाजा भी लगाना मुश्किल हो सकता है, जिनके बेटे ने मात्र 23 वर्ष 9 माह की उम्र में डीएसपी का रैंक हासिल कर लिया हो। वो भी तब, जब पिता किसान हों, घर ऐसी दुर्गम पंचायत में स्थित हो, जहां प्रशासन के आलाधिकारी भी न पहुंच पाते हों। परिवार की पृष्ठभूमि सामान्य हो। अलबत्ता 23 साल के अनिल शर्मा ने उन मिथ्याओं को भी तोड़ दिया है, जिसमें आईपीएस का बेटा तो एचपीएस का बेटा एचपीएस।
वीरवार को पीटीसी डरोह में अनिल ने 13 महीने का प्रशिक्षण पूरा कर लिया है। अब उन्हें प्रोबेशन पीरियड के लिए सोलन जिला आबंटित हुआ है। डीएसपी स्तर के पांच अधिकारियों के भव्य दीक्षांत कार्यक्रम में खुद पुलिस महानिदेशक भी मौजूद थे। उत्तरी क्षेत्र व पीटीसी डरोह के पुलिस महानिरीक्षक जीडी भार्गव ने अधिकारियों को शपथ दिलवाई। ट्रेनिंग के दौरान भी अनिल को सर्वश्रेष्ठ आंका गया। एचपीएस के आठवेंं बैच में अनिल का चयन हुआ था।
कमाल देखिए, नाहन कॉलेज से ग्रैजुएशन पूरी करने के बाद अनिल इस परीक्षा के लिए पात्र नहीं थे, क्योंकि उम्र 21 साल की नहीं हुई थी। लिहाजा एक साल इंतजार किया। पहले ही झटके में एचएएस की परीक्षा को पार कर दिखाया। रेणुका क्षेत्र की दुर्गम पंचायत नाया पंजोड के कफेणू गांव में जागर सिंह व माला देवी के घर जन्मे अनिल शर्मा ने इस परीक्षा को पास करने के लिए एचएएस अधिकारी केवल शर्मा को अपना प्रेरणा स्त्रोत बनाया था।
एमबीएम न्यूज नेे अनिल के सबसे यंग एचपीएस बनने की खबर पहले भी प्रकाशित की थी। युवा एचपीएस के साथ इस बैच में चंद्र पाल, अरुण मोदी व करन सिंह गुलेरिया भी पास आउट हुए हैं। साथ ही सातवें बैच के मनोज धीमान को भी डीएसपी का रैंक मिला है।
एमबीएम न्यूज से बातचीत में अनिल शर्मा ने कहा कि मेहनत के साथ-साथ दुआएं भी काम आती हैं। उन्होंने कहा कि फिलहाल उनका कैरियर प्रोबेशन पीरियड में एसएचओ के तौर पर शुरू होगा।