सुंदरनगर (नितेश सैनी) : हिमाचल प्रदेश को इस बार सर्दियों में बाहरी राज्यों से बिजली खरीदनी पड़ेगी। वित्त वर्ष के शुरू होते ही बिजली उत्पादन में अभी तक नियमित तौर से बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है, जिस लिहाज से आने वाले सर्द मौसम में प्रदेश में बिजली की खपत को पूरा करने के लिए सिस्टम ऑपरेशन को बिजली खरीदनी होगी, जिसका घरेलू, व्यावसायिक व उद्योग में इस्तेमाल होगा।
अप्रैल से लेकर सिंतबर माह तक प्रदेश के डेढ़ दर्जन के करीब परियोजनाओं में बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है, जिसका असर सर्दी के मौसम में सीधे तौर पर पड़ेगा, जिसकी भरपाई परिषद को बाहरी राज्यों से बिजली की खरीद कर चुकता करना होगा। जारी सितंबर माह में परिषद ने 264.190 मिलियन यूनिट बिजली उत्पादन होने का लक्ष्य रखा था, लेकिन 211.665 मिलियन यूनिट बिजली ही प्राप्त हुई है। इस बार भी 52.525 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन कम हुआ है।
परिषद की विद्युत परियोजनाओं में भावा, गानवी, नोगली, चाबा, गिरी, आंध्राए गुम्मा, बस्सी, बिनवाए गज, बनेर, खौली, लारजी, रुकटी, होली, चाबा, साल द्वितीय, थरोट, किल्लर, बीएपी, घानवीं द्वितीय समेत 21 परियोजनाएं प्रदेश में वर्तमान में बिजली उत्पादन के क्षेत्र में क्रियान्वित हैं, जिनमें से सितंबर माह में बस्सी विद्युत परियोजना 36 मिलियन यूनिट में से 37.582 मिलियन यूनिट लक्ष्य से अधिक बिजली उत्पादन किया है।
बाकी किसी भी बिजली परियोजना में तय किए गए लक्ष्य को प्राप्त नहीं किया है। राज्य विद्युत परिषद उत्पादन विंग के महानिदेशक पंकज कपूर ने जानकारी देते हुए बताया की परियोजनाओं में बिजली उत्पादन में गिरावट दर्ज हुई है, जिसका असर सर्दी के मौसम में पड़ेगा, जिसकी भरपाई बाहरी राज्यों से बिजली की खरीद कर चुकता करना होगी।