धर्मशाला (एमबीएम न्यूज़) : शहरी विकास आवास एवं नगर नियोजन मंत्री सुधीर शर्मा ने कहा कि केंद्र सरकार ने धर्मशाला के योल कैंट बोर्ड को भंग करने को लेकर सैद्धांतिक मंजूरी दे दी है। कैंट बोर्ड के तहत आने वाला सिविल क्षेत्र धर्मशाला नगर निगम में सम्मिलित होगा और योल अब केवल मिलिट्री स्टेशन होगा।
सुधीर शर्मा ने आज यहां इस बारे में जानकारी देते हुए कहा कि योल कैंट बोर्ड भारत का पहला कैंट बोर्ड है, जिसे जनता की सुविधा एवं मांग के मद्देनजर भंग करने की स्वीकृति दी गई है। प्रदेश सरकार के निरंतर प्रयासोें एवं प्रभावी तरीके से केंद्र के समक्ष अपनी बात रखने के कारण ही यह संभव हो सका है। उन्होंने प्रभावी मार्गदर्शन के लिये मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त करते हुये कहा कि वीरभद्र सिंह के कुशल नेतृत्व एवं अथक प्रयासों से ही यह सौगात लोगों को मिली हैै।
शहरी विकास मंत्री ने कहा कि भारत सरकार के रक्षा मंत्रालय ने कैंट बोर्ड डिनोटीफाई करने से पूर्व इसके अंतर्गत आने वाली परिसंपत्तियों का अधिग्रहण और जिम्मेदारी प्रदेश सरकार द्वारा वहन करने को कहा था, जिसे लेकर हिमाचल सरकार पहले ही हामी भर चुकी है ।
उन्होने कहा कि प्रदेश सरकार ने योल कैंट बोर्ड के मौजूदा स्टाफ की जिम्मेदारी, कैंट द्वारा चलाए जा रहे पांच स्कूलों, वोकेशनल ट्रेनिंग सेंटर, दिव्यांग बच्चों के केंद्र और बीस बिस्तरों के अस्पताल को भवनों और भूमि की कीमत अदा करके अधिग्रहित करना स्वीकार किया है।
उन्होंने कहा कि कैंट बोर्ड के डी-नोटिफिकेशन के बाद प्रदेश सरकार के विभाग अपने-अपने विभाग से सम्बन्धित सम्पत्तियों का अधिग्रहण करेंगे।
उन्होंने कहा कि कैंट बोर्ड भंग होने और सिविल क्षेत्र के नगर निगम में मिलने से इस क्षेत्र के लोगों को स्मार्ट सिटी मिशन के तहत विभिन्न सुविधाओं का लाभ मिलेगा। आधुनिक सुविधाओं के मिलने से क्षेत्र का सर्वांगीण विकास संभव होगा।