मंडी (वी कुमार) : नबाही माता मंदिर बचाओ संघर्ष समिति ने आरोप लगाया है कि मंदिर में हुए घोटालों की जांच जानबूझ कर धीमा किया जा रहा है। इसी के विरोध स्वरूप समिति ने अब राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का घेराव करने का निर्णय लिया है। बता दें कि इस पूरे मामले की जांच प्रदेश की सीआईडी कर रही है।
जिला के सरकाघाट उपमंडल के तहत आने वाले नबाही माता के मंदिर में हुए घोटाले की जांच काफी धीमी गति से चल रही है। प्रदेश की सीआईडी ने 16 मार्च 2016 को मंदिर में हुए घोटालों को लेकर मामला दर्ज करके सारा रिकार्ड अपने कब्जे में ले लिया है, लेकिन अभी तक घोटाले करने वाले अधिकारियों की गिरफ्तारी नहीं हो सकी है। यही कारण है कि नबाही माता मंदिर बचाओ संघर्ष समिति ने इस पूरे मामले की जांच में ढील बरतने का आरोप लगाया है।
नबाही माता मंदिर बचाओ संघर्ष समिति के अध्यक्ष ललित कुमार जम्वाल ने बताया कि मंदिर में हुए घोटालों को लेकर कई बारआरटीआई के माध्यम से जानकारियां मांगी गई लेकिन इन्हें कोई जानकारी नहीं दी जा रही है। इन्होंने मांग उठाई है कि मंदिर में जो भी घोटाले हुए हैं और इन्हें करने वाले जो भी अधिकारी हैं, उन्हें तुरंत प्रभाव से गिरफ्तार किया जाए। साथ ही इन्होंने चेतावनी दी है किजब तक गिरफ्तारियां नहीं होंगी तब तक आंदोलन जारी रहेगा।
मंदिर समिति का आरोप है कि जब से सरकार ने मंदिर को अपने अधीन लिया है तभी से ही मंदिर की दुर्गति शुरू हो गई है। आज मंदिर की तरफ शासन और प्रशासन कोई ध्यान नहीं दे रहा हैजिससे लोगों की भावनाएं आहत हो रही हैं।
बता दें कि नबाही माता मंदिर को राज्य सरकार ने 28 मार्च 2007 को अपने अधीन लिया था। आरोप है कि इसके बाद कुछ अधिकारियों ने फर्जी पर्चीयां छपवाकर मंदिर के पैसों का गबन किया। इस बात का खुलासा काफी समय पहले ली गई आरटीआई से हुआ था। जिसके बाद से ही मंदिर बचाओ संघर्ष समिति ने कार्रवाई की मांग को लेकर आंदोलन छेड़ रखा है। इसके बाद आरटीआई सेजो जानकारियां मांगी गई उन्हें समिति को नहीं दिया जा रहा है।
समिति प्रशासन से लेकर शासन तक कई बार इस मुद्दे को उठा चुकी है लेकिन इनकी मांगों पर कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही है। समिति के अध्यक्ष ललित कुमार जम्वाल के अनुसार अगले महीने हजारों लोग पहले एसडीएम सरकाघाट का घेराव करेंगे और उपरांत इसके राजस्व मंत्री कौल सिंह ठाकुर का घेराव उन्हीं के विधानसभा क्षेत्र में किया जाएगा।
वहीं जब इस बारे में सीआईडी के डीएसपी मनोहर लाल से दूरभाष पर संपर्क साधा गया तो उन्होंने बताया कि मार्च 2016 में मामला दर्ज करके सारे रिकार्ड को कब्जे में लिया गया था। अभी रिकार्ड का ऑडिट करवा लिया गया है और इसकी रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि मामले की पूरी निष्पक्ष जांच हो रही हैऔर जो भी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ कानूनन कार्रवाई की जाएगी।