शिमला (एमबीएम न्यूज़) : अवैध भवनों को नियमित करने वाले टीसीपी विधेयक को राजभवन ने अपनी स्वीकृति दे दी है। राजभवन में लंबे समय से यह विधेयक अटका हुआ था। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल आचार्य देवव्रत ने मंगलवार को इसे अपनी मंजूरी दे दी। इसके साथ ही अब सूबे के हजारों अवैध भवनों के नियमित होने का रास्ता साफ हो गया है और इन भवन मालिकों को बड़ी राहत मिली है।
राज्य सरकार के साथ-साथ विपक्षी भाजपा भी इस बिल को हरी झण्डी दिलाने के लिए राज्यपाल पर दवाब बना रही थी। सीएम वीरभद्र सिंह के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल बिल मंजूर करवाने के लिए राज्यपाल से मिले थे। शिमला के विधायक सुरेश भारद्धाज सहित राज्य भाजपा के अन्य नेताओं ने राज्यपाल से मुलाकात की थी।
कुछ दिन पहले राज्यपाल ने कुछ आपतियां लगाकर इस बिल को सरकार को लौटा दिया था। राजभवन ने आपतियों के साथ सरकार से इस पर राय भी मांगी थी। एक सप्ताह के भीतर इन आपतियों को दूर करने को कहा गया था। प्रदेश हाईकोर्ट की तलख टिप्पणियों के बाद राज्यपाल ने इस विधेयक पर अपनी मंजूरी की मोहर लगाने के बजाय इसे अपने पास लंबित रखा था। अब लंबे इंतजार के बाद इसे हरी झण्डी मिलने से राज्य सरकार ने राहत की सांस ली है।
विधानसभा का मानसून सत्र के दौरान टीसीपी संशोधन बिल को पास किया गया था। कई बिल सरकार ने मंजूरी के लिए राजभवन भेजे थे।
टीसीपी विधेयक में अवैध भवनों को जहां हैं जैसे हैं की तर्ज पर नियमित करने का प्रावधान है। भवनों को जहां हैं, श्जैसे हैंश् आधार पर श्सैट बैकश् के तौर पर आवश्यक खुली जगह न छोड़ने के आधार पर ही कंपाउंड किया जाएगा। विधेयक में कंपाउडिंग शुल्क को लगभग आधा करने की बात की गई है, जिन लोगों ने मकानों के नक्शे पास करवाए हैं, उन्हें विचलन शुल्क नगर निगम क्षेत्र में 800 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से फ्लैट रेट पर जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 400 रुपए प्रति वर्ग मीटर की दर से वसूल किया जाएगा। पूर्ण रूप से अवैध निर्माण के लिये यह दरें शहरी क्षेत्रों में 1200 रुपए जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में 600 रुपए प्रति वर्ग मीटर होंगी।