धर्मशाला (एमबीएम न्यूज) : मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने आज मनरेगा के अंतर्गत परिसम्पत्तियों की शत-प्रतिशत जियो टेगिंग के लिए कांगड़ा ज़िले के सभी खण्ड विकास अधिकारियों सहित ग्रामीण विकास विभाग के अधिकारियों को सम्मानित किया।
धर्मशाला में आयोजित समारोह की अध्यक्षता करते हुए मुख्यमंत्री ने मनरेगा के अंतर्गत परिसम्पत्तियों की जियो टेगिंग में कांगड़ा ज़िले के देश में प्रथम ज़िला बनने की उपलब्धि पर प्रसन्नता जाहिर की। उन्होंने कहा कि हालांकि, कांगड़ा ज़िला राज्य का सबसे बड़ा ज़िला है, लेकिन जियो टेगिंग में ग्रामीण विकास अधिकारियों के टीम वर्क तथा नेतृत्व ने इसे देश का पहला ज़िला बनने का मार्ग प्रशस्त किया है। उन्होंने कहा कि यह कदम कृषि, सिंचाई, शिक्षा तथा स्वास्थ्य जैसे सभी क्षेत्रों के एकीकृत विकास में मदद करेगा।
वीरभद्र सिंह ने कहा कि किसी प्रकार का पूर्वाग्रह आड़े नहीं आना चाहिए और विकास कार्यां का निष्पाद न लोक केन्द्रित होना चाहिए न कि राजनीति से प्रेरित। उन्होंने कहा कि यह एक शानदार उपलब्धि है, लेकिन इसकी निरंतरता कायम रखी जानी ताकि सभी मनरेगा कार्यों का विकास एवं प्रगति को सुनिश्चित बनाया जा सके। उन्होंने कहा कि विकास एक सतत् प्रक्रिया है, यह किसी भी स्तर पर अवरूद्ध न हो, इसके लिए यथासंभव सकारात्मक कदम उठाए जाने चाहिए।
मुख्यमंत्री ने कहा कि जियो टेगिंग भुवन जियो पोर्टल पर मोबाईल ऐप ‘भुवन’ के माध्यम से जीपीएस आधारित स्थान की जानकारी के लिये प्रयोग की जाती है। उन्होंने कांगड़ा ज़िले की उपलब्धियों पर खुशी व्यक्त की, क्योंकि ज़िले में 100.56 करोड़ रुपये के बजट के विरूद्ध इस वर्ष जनवरी माह तक 81.1 करोड़ रुपये खर्च कर 25,89,912 कार्य दिवस अर्जित किए गए हैं। उन्होंने कहा कि मनरेगा के अंतर्गत ज़िले में कुल 97.70 प्रतिशत जॉब कार्डों का सत्यापन किया गया है जबकि सात नए रजिस्टरों के रख-रखाव में उपलब्धि 100 प्रतिशत है।
इससे पूर्व, कांगड़ा के उपायुक्त सीपी वर्मा ने मुख्यमंत्री तथा अन्य अतिथियों का स्वागत करते हुए मनरेगा के अंतर्गत सम्पत्तियों की जियो टेगिंग में शत-प्रतिशत लक्ष्य हासिल करने के लिए ज़िले के कार्यकलापों का ब्यौरा दिया। उन्होंने कहा कि ज़िले में 748 ग्राम पंचायतों के अंतर्गत 3253 गांव हैं।
जिला ग्रामीण विकास अभिकरण कांगड़ा के उप-निदेशक एवं परियोजना अधिकारी मुनीश शर्मा ने वीडियो प्रस्तुति के माध्यम से जियो टेगिंग परियोजना की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मनरेगा परिसम्पत्तियों की जियो टेगिंग के लिए एंडरॉयड फोन में भुवन-ऐप लोड करने की आवश्यकता है।
शहरी विकास मंत्री सुधीर शर्मा, हि.प्र. वन विकास निगम के उपाध्यक्ष केवल सिंह पठानिया, मुख्य सचिव वीसी फारका, अतिरिक्त मुख्य सचिव तरूण श्रीधर व डॉ. श्रीकांत बाल्दी तथा ग्रामीण विकास विभाग के सचिव ओंकार शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।