शिमला (एमबीएम न्यूज): राज्य में 2017 विधानसभा चुनाव की सुगबुगाहट शुरू हो चुकी है। इससे जुड़ी सामने आ रही खबरों की मानें तो सूबे के मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह अपनी ही पार्टी के प्रदेशाध्यक्ष की बागडोर संभाल सकते हैं। इसकी सबसे बड़ी वजह टिकटों के आबंटन की अड़चन का सामना सीएम को नहीं करना पड़ेगा।
पिछले चुनाव में भी आखिरी वक्त पर मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने ही प्रदेशाध्यक्ष की कमान संभाल ली थी। सरकार व पार्टी संगठन की तकरार भी समय-समय पर सामने आती रही है। पिछले एक महीने में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह ने संगठन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाए थे। यहां तक की प्रदेशाध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू को अपने हलके में चुनाव की तैयारी करने की नसीहत भी दी थी। उधर इसी तरह की अटकलें भाजपा के खेमे में भी चल रही है।
यहां कयास लगाए जा रहे हैं कि केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जेपी नड्डा को पार्टी प्रदेशाध्यक्ष की कमान सौंपी जा सकती है। इसी स्थिति में नड्डा भावी मुख्यमंत्री के तौर पर भी प्रोजैक्ट हो सकेंगे। पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल की उम्र चुनाव के कुछ महीनों बाद 75 साल की हो जाएगी। पार्टी अपने ही फार्मूले में नहीं फंसना चाहती।
इस फार्मूले से जब सांसद शांता कुमार को केंद्रीय मंत्री के पद से हाथ धोना पड़ा तो धूमल को पार्टी कैसे 75 साल की उम्र पूरा करने के बाद मुख्यमंत्री के पद पर रख सकती है। अब तक भाजपा प्रदेश में दो त्रिदेव सम्मेलन कर चुकी है। पिछले एक साल में नड्डा ने जिस तरीके से प्रदेश की राजनीति में सक्रियता दिखाई है, उससे भी यही लग रहा है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह के खासमखास नड्डा को चुनाव की बागडोर दी जा सकती है।
सांसद अनुराग ठाकुर को पहले राष्ट्रीय युवा मोर्चा, फिर बीसीसीआई के अध्यक्ष पद की कुर्सी खोनी पड़ी। इसी कारण अनुराग बैकफुट पर हैं।