कुल्लू (एमबीएम न्यूज): आनी में क्रूरता की तमाम सीमाएं लांघ कर एक सनसनीखेज वारदात को अंजाम देने का मामला सामने आया है। 19 वर्षीय महिला लीमा पत्नी नजीर एक स्वस्थ बेटी को 25 मार्च 2017 को दोपहर 2:10 बजे अस्पताल में जन्म देती है। अढ़ाई महीने पहले ब्याही लीमा इतने कम समय में बच्चा कैसे पैदा कर सकती है, यह बात लीमा की मां फकरा पत्नी बशीर अहमद व फकरा पत्नी नजमदीन को नागवार गुजरती है।
अस्पताल में ही बैठे-बैठे पैदा हुई बच्ची को मौत के घाट उतारने का फैसला ले लिया जाता है। पहले नवजात बच्ची की दादी अस्पताल के प्रसूति वार्ड के दरवाजे पर पहरा देती है। नानी बच्ची का गुला चुन्नी से दबाकर सांसें छीन लेती है। फिर अदला-बदली की जाती है। नानी दरवाजे पर खड़ी होती है ओर दादी वापस आकर देखती है कि कहीं बच्ची की सांसें चल तो नहीं रही है।
25 मार्च की शाम 5:10 बजे नर्स बच्ची व मां को इंजेक्शन लगाने पहुंची तो चंद घंटे पहले पैदा हुई स्वस्थ बेटी मृत अवस्था में थी। फौरन ही डॉक्टर को सूचित किया गया, जिसने देखते ही बच्ची की मौत असमान्य लगी। तुरंत ही आनी थाना के पुलिस को सूचित किया गया। मामले की नजाकत को भांपते हुए डीएसपी बलदेव ठाकुर समेत थाना प्रभारी भूप सिंह मौके पर पहुंच गए। बच्ची के शव का पोस्टमार्टम आईजीएमसी में करवाने का फैसला लिया गया।
सोमवार की देर रात हत्या का मामला दर्ज कर लिया गया, क्योंकि पोस्टमार्टम रिपोर्ट में बताया गया कि बच्ची की मौत गला घोंटने से हुई है। चूंकि लीमा अभी अस्पताल में ही दाखिल है, लिहाजा पुलिस उससे पूछताछ नहीं कर पाई है। फिलहाल मरने वाली बच्ची की नानी व दादी को गिरफ्तार कर लिया गया है। क्रूरता की सीमाओं को इस तरह लांघने से खुद पुलिस भी सकते में है।
यह थी वजह..
दरअसल बच्ची को जन्म देने वाली मां लीमा का निकाह लगभग अढ़ाई महीने पहले हुआ था। परिवार इस बात पर जिल्लत महसूस कर रहा था कि अढ़़ाई महीने में ही बच्ची कैसे पैदा हो गई। यही वजह रही कि पैदा होते ही बच्ची का गला घोंट दिया गया।
एसपी पदम ठाकुर ने पुष्टि करते हुए कहा कि मामले की पूरी गहनता से जांच की जा रही है। इसमें हर तरीके से साक्ष्य को जुटाया जा रहा है।