शिमला (एमबीएम न्यूज़) : प्रदेश की राजनीति में ट्रांसपोर्ट मंत्री जीएस बाली ने फिर एक अलग मिसाल कायम की है। संपत्ति का ब्यौरा देने में साहस जुटाया है। चूंकि आंकड़ा 70 करोड़ से जुड़ा है, लिहाजा हर कोई चौंक सकता था, लेकिन इस बात से बेपरवाह बाली ने अपनी चल व अचल संपत्ति घोषित की है। बाली पहले कह चुके थे कि वह जल्द ही अपनी संपत्ति को सार्वजनिक करेंगे।
पूर्व घोषणा के अनुसार परिवहन तथा खाद्य आपूर्ति मंत्री जीएस बाली ने आज अपनी चल व अचल संपति घोषित कर दी और कहा कि उनकी अंतरआत्मा ने उन्हें ऐसा करने के लिए कहा, ताकि उनके राजनीतिक जीवन में पारदर्शिता हो। आज यहां एक पत्रकार सम्मेलन में बाली ने कहा कि उनकी कुल संपति बाजार भाव के 70 करोड़ करीब की है और 16 करोड़ इस संपति पर कर्ज है।
बाली ने कहा कि उन्होंने दिल्ली में 5 करोड़ का एक फलैट खरीदा और 16 कनाल के लगभग उनकी भूमि है। बाली ने अपने एफडीआर का भी ब्यौरा दिया और कहा कि इस पर भी उन्होंने कर्ज ले रखा है।एक सवाल के जवाब में बाली ने कहा कि उनकी कुछ संपति जैसे होटल और कारखाना इत्यादि राजनीति में आने से पहले ही थी।
बाली ने कहा कि राजनीति में पारदर्शिता जरूरी है। उन्होंने दूसरों के बारे में कुछ कहने से इंकार कर दिया। इस दौरान उन्होंने अपनी पत्नी के एफडीआर की भी सूचना दी और कहा कि उनका बेटा शीघ्र ही अपनी संपति बारे ब्यौरा देगा।
इस दौरान पीसीसी चीफ सुखविंद्र सिंह सुक्खू भी मौजूद थे। उन्होंने कहा कि पार्टी का चुनावी घोषणा पत्र तैयार करने की जिम्मेदारी उनकी है और वह पार्टी के घोषणा पत्र में ऐसा प्रावधान करेंगे कि कोई भी विधायक जो चालू वर्ष के दौरान खरीदने वाली संपति का ब्यौरा दे और धनराशि का स्त्रोत दे। सुक्खू ने कहा कि राजनीतिक में पारदर्शिता जरूरी है और उन्होंने भी कुछ समय पहले अपनी संपति की घोषणा कर दी थी।
बाली ने कहा कि उन्होंने 1998 में चुनावी राजनीति में कदम रखा था। तब से लगातार नगरोटा बगवां का प्रतिनिधित्व कर रहा हूं। बाली ने कहा कि मैकेनिकल इंजीनियरिंग में डिप्लोमा करने के बाद उन्होंने स्वरोजगार व इंटरप्रीनियोरशिप को रोजगार का माध्यम बनाया था। उन्होंने युवा वर्ग से अपील की है कि अपने सपनों को साकार करने के लिए अपने मन की सुनें। साथ ही लक्ष्य निर्धारित कर अपना रास्ता बनाएं। उन्होंने कहा कि सफर में उतार-चढ़ाव आते हैं, लेकिन इरादे बुलंद हो तो सफलता मिलती है।
बाली ने कहा कि मंत्री के तौर पर हर विभाग में आधुनिक कार्य किए हैं। चाहे बसों का बेड़ा बढ़ाना हो या फिर गांव-गांव तक मुद्रिका बसें चलाने की कोशिश हो। बाली ने कहा कि उत्तर भारत की पहली वाल्वो बस हिमाचल प्रदेश ने शुरू की थी। डिजिटल राशन कार्ड के जरिए भ्रष्टाचार को रोकने वाला भी हिमाचल समूचे उत्तर भारत का पहला राज्य बना है। बाली ने कहा कि प्रादेशिक हित में ऐसे कार्य आगे भी जारी रहेंगे।