शिमला (एमबीएम न्यूज़) : स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संबंधी कटौती प्रस्ताव पर आज विधानसभा में हुई चर्चा के स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह द्वारा दिए गए जवाब पर असंतोष प्रकट करते हुए विपक्षी दल भाजपा के सभी सदस्य सदन से वॉकआउट कर गए। विपक्ष का कहना था कि उनके द्वारा उठाए गए बिंदुओं का स्वास्थ्य मंत्री जवाब नहीं दे रहे हैं। भाजपा के सुरेश भारद्वाज ने कहा कि कहा कि मंत्री ने अपने लंबे भाषण में कटौती प्रस्ताव के दौरान विपक्ष के अधिकांश सवालों का जवाब नहीं दिया है।
स्वास्थ्य क्षेत्र में केंद्र सरकार से भारी भरकम धनराशि प्रदेश को मिल रही है, बावजूद इसके दो प्रमुख मेडिकल कॉलेजों में मूलभूत सुविधाओं की कमी है। आईजीएमसी में तैनात स्टॉफ को दूसरे कॉलेजों में भेजा जा रहा है। मंत्री के जवाब से विपक्ष संतुष्ठ नहीं है, इसे देखते हुए विपक्ष सदन से वाकआउट कर रहा है। इस तरह स्वास्थ्य को लेकर विपक्ष की तरफ से लाया गया कटौती प्रस्ताव सदन में ध्वनिमत से गिया गया। बाद में लोकनिर्माण विभाग और शिक्षा विभाग संबंधी प्रस्तावों की अनुदान मांगें विपक्ष की गैरमौजूदगी में बिना चर्चा किए सदन में पारित कर दी गईं।
इससे पहले विपक्ष के वाकआउट की आलोचना करते हुए स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि प्रदेश में चल रहे मेडिकल कॉलेजों के हितों का सरकार पूरा ध्यान रख रही है। उन्होंने कहा कि नए मेडिकल कॉलेजों में सेवानिवृत डॉक्टरों को लगाया जा रहा है तथा विपक्ष द्वारा लगाए जा रहे आरोप तथ्यों से परे हैं।
कौल सिंह ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग में 10 हजार 91 पद रिक्त हैं। लेकिन ये रिक्तियां पिछले 25 वर्षों से है। कौल सिंह के अनुसार प्रदेश में डॉक्टरों की कमी बेशक है, मगर प्रदेश सरकार ने पूर्व भाजपा शासनकाल में भर्ती किए डॉक्टरों से कहीं ज्यादा डॉक्टर तैनात किए हैं। उन्होंने कहा कि वीरभद्र सरकार ने 872 डॉक्टरों की नियुक्तियां की हैं।
इसके अलावा स्टॉफ नर्सों के 1093 पद, फार्मासिस्ट के 163 पद, रेडियोलोजिस्ट के 25 पद, लैब एटैंडेंट के 75 पर भरे हैं। इसके अलावा आयुष डॉक्टरों के 140 पद भरे गए हैं। ये डॉक्टर स्कूलों में जाकर विद्यार्थियों का स्वास्थ्य परीक्षण करते हैं। कौल सिंह ने कहा कि डॉक्टरों की कमी के चलते राज्य के दूर्गम क्षेत्रों में सूपरस्पैशिलिटी कैंपों के माध्यम से लोगों का उपचार किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि इस साल राज्य में 51 कैंप लगाए जाएंगे, जबकि बीते वर्ष 37 कैंप लगे थे।