शिमला (एमबीएम न्यूज़) : हिमाचल प्रदेश में वितीय वर्ष 2016-17 के दौरान भारी वर्षा, बाढ़ और भूस्खलन से हुए लगभग 984 करोड़ से अधिक के नुकसान के बावजूद अभी तक केंद्र सरकार से कोई वित्तीय मदद नहीं मिली है। ये बात प्रदेश के राजस्व और स्वास्थ्य मंत्री कौल सिंह ठाकुर ने आज प्रदेश विधानसभा में कही।
कौल सिंह ने कहा कि प्रदेश सरकार ने मानसून सीजन में आपदा से नुकसान का 863 करोड़ 97 लाख और विंटर सीजन का 121 करोड़ रूपये राहत के तौर पर मांगा था। लेकिन केंद्र सरकार ने आपदा राहत राशि के तौर पर एक भी पैसा अब तक प्रदेश को जारी नहीं किया है। आपदा राशि शीघ्र जारी करने को लेकर ज्ञापन के माध्यम से आग्रह भी केंद्र सरकार से किया गया है। धर्मपुर के विधायक महेंद्र सिंह की ओर से पूछ गए एक अनुपुरक सवाल के जवाब में कौल सिंह ने प्रश्नकाल के दौरान यह जानकारी दी।
कौल सिंह ने कहा कि इससे पहले के वर्षों में भी आपदा से नुकसान की बेहद कम धनराशि केंद्र ने प्रदेश को जारी की है। वितीय वर्ष 2015-16 के दौरान प्रदेश सरकार ने 787 करोड़ केंद्र से मांगा था। लेकिन इसके बदले 81 करोड़ की ही राशि प्राप्त हुई थी। इसी तरह वितीय वर्ष 2014-15 में केंद्र से 1099 करोड़ मागा गया था। मगर केंद्र से महज 134 करोड़ ही मिल पाए थे।
कौल सिंह ने बताया कि आपदा से नुकसान होने पर नियमों के तहत उपलब्ध धनराशि के आधार पर राशि जारी करने का प्रावधान है। विधायक महेंद सिंह ने पूरक सवाल में कहा कि उनके धर्मपुर विधानसभा क्षेत्र में बीते 3 सालों में आपदा से भारी नुकसान हुआ है। लेकिन सरकार की तरफ से बहुत कम आपदा राशि जारी हुई।
जिस पर मंत्री का जवाब रहा कि धर्मपुर के आपदा प्रभावित इलाके को उपायुक्त के माध्यम से 90 लाख की धनराशि जारी की गई थी। इसके अलावा लोकनिर्माण विभाग को अलग से धनराशि दी गई थी। इससे पहले मूल प्रश्नकर्ता विधायक आशा कुमारी ने आपदा राशि जारी करने के सिस्टम पर सवाल उठाते हुए कहा कि चंबा जिले के आपदा प्रभावित क्षेत्रों को राजस्व विभाग की तरफ से पर्याप्त धनराशि जारी नहीं हुई है। उन्होंने मंत्री से आपदा राशि जारी करने की प्रणाली में बदलाव करने का आग्रह किया।
कौल सिंह ने अपने जवाब में कहा कि फंड की उपलब्धता तथा प्रभावित क्षेत्रों में हुए नुकसान की रिपोर्ट के आधार पर राहत राशि जारी करने का प्रावधान है। जिलों में आपदा की राशि उपायुक्त की रिपोर्ट के आधार पर जारी करने का प्रावधान है। इसेक अलावा सरकार के बिना विभागों को हुए नुकसान के मुताबिक फंड की उपलब्धता पर दिया जाता है। कौल सिंह ने कहा कि आपदा राशि जारी करने में राजस्व विभाग का अधिक दखल नहीं रहता है।
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