शिमला (एमबीएम न्यूज) : देश की राजधानी से लेह को एकमात्र हिमाचल पथ परिवहन निगम की बस जोडती है। यह बस 45 से 48 डिग्री तापमान के बीच चलती है। देवभूमि में भी सबसे पहले गर्म ईलाके में दाखिल होने के बाद धीरे-धीरे लेह की तरफ बढ़ती है। तापमान में मंडी के बाद गिरावट दर्ज होनी शुरू हो जाती है। मनाली होते हुए रोहतांग में बर्फ की सुरंगनुमा सडक़ से गुजरती है। लेह तक लगभग 1250 किलोमीटर का सफर तय करना होता है।
गजब बात यह भी है कि एशिया के सबसे ऊंचे गांव किब्बर में भी रूककर आगे बढ़ती है। यह गांव लगभग 14200 फीट की ऊंचाई पर बसा हुआ है। इस मार्ग पर आम चालक वाहन चलाने से डरते है। लेकिन एचआरटीसी के दो चालक इस बस को दिल्ली से लेह पहुंचा देते है।
दिलचस्प बात यह है कि लेहवासी भी इस बस में खासकर मनाली तक आने में काफी क्रेजी रहते है। 30 घंटे के सफर में यात्रियों को केलांग में रात्रि ठहराव दिया जाता है। 13 हजार फीट की ऊंचाई पर रोहतांग दर्रा पार करने के बाद इस बस को बारा लाचा व तंगल दर्रा पार करना पडता है जिनकी ऊंचाई क्रमश: 16 हजार 400 फीट व 17 हजार 582 फीट है।
हालांकि एचआरटीसी के बस चालकों के कई जाबांजी वाले विडियों वायरल होते रहे है लेकिन लिम्का बुक ऑफ रिकार्डस में दिल्ली – लेह सेवा के लिए प्रमाण पत्र मिला है। हालांकि यह रिकार्ड अक्तूबर 2016 में दर्ज हो गया था लेकिन अब हिमाचल पथ परिवहन को इसका प्रमाण पत्र मिला है।
दिल्ली से लेह तक के अपने सफर में यह बस दिल्ली व हरियाणा से गुजरती हुई यूटी चंडीगढ पहुंचती है यहां से पंजाब में अपना सफर पूरा करने के बाद हिमाचल में पहुंचती है। इसके बाद जम्मू व कश्मीर में अंतिम पडाव के लिए अपनी रोचक यात्रा शुरू करती है।