कुल्लू (नीना गौतम):आनी खण्ड की शिल्ली पंचयात के डुघा गांव में एक ऐसा स्कूल है, जो बेहतरीन शिक्षा मुहैया करवाने की पोल खोल रहा है शिक्षा विभाग बतौर मंत्री सूबे के सीएम के पास है, बावजूद आज भी स्कूलों की ऐसी तस्वीरें सामने आ रही है जो शर्मशार करती है । शिक्षा विभाग के सीपीएस नीरज भारती अक्सर सोशल मीडिया में चर्चा में रहने की कोशिश करते है, बेहतर होता कि सीपीएस प्रदेश में इस तरह के स्कूलों को चिन्हित करते जिनकी तस्वीरे शर्मशार करने वाली हो। बहरहाल डुघा स्कूल की स्थापना 1972 में हुई थी। इस स्कूल में अभी तक बैठने के लिए छात्रों के लिए बैंच शिक्षा विभाग उपलब्ध नहीं कर पाया। इस गांव में सर्दियों में तीन-चार फ़ीट तक कि बर्फ पड़ती है। फिर भी छात्रों को टाट पट्टी पर बैठना पड़ता है।
इस प्राथमिक स्कूल में कुल 27 छात्र अभी तक अध्यनरत है। इस स्कूल में दो ही कमरे सही हालात में है एक कमरा इतना पुराना है कि उस कमरे में कभी भी हादसा हो सकता है। छात्र खेलते खेलते उस कमरे के नीचे पहुंच जाते है, ऐसी स्थिति में भवन से कभी भी पथर और लकड़ गिरने की सम्भाबना बनी रहती है। पहली कक्षा से लेकर पांचवी कक्षा तक के छात्रों की कक्षाएं दो ही कमरों में लगती है।
स्टाफ रूम भी इन्ही कमरों के अंदर स्थापित है जिसके कारण छात्रों को पढाई में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। एक प्रयास संस्था जिला कुल्लू की टीम जिलाअध्य्क्ष विवेक ठाकुर की अध्य्क्षता में इस स्कूल में पहुँची तो उन्होंने ये सब कमियां इस पहाड़ी क्षेत्र के प्राथमिक स्कूल में पाई। और उन्होंने देखा छात्र खेल खेल में पुराने भवन के नीचे खेलने पहुंच जाते है जिसे कभी भी कोई हादसा हो सकता है।
एक प्रयास संस्था जिला कुल्लू प्रशासन से गुहार लगाती है कि इस स्कूल में बहुत जल्द तीसरे कमरे का निर्माण किया जाए और पुराने पड़े कमरे को नष्ट किया जाए, ताकि होने वाले हादसों से बचा जा सखे। कहा कि छात्रों को बैठने के लिए बैंच भी बहुत जल्दी उपलब्ध करवाए जाए। उन्होंने पाया वँहा पर जो खेल मैदान है वो भी सही हालात में नहीं है। उसका कुछ हिस्सा गिरा हुआ है और वँहा पर डंगा लगाया जाए ताकि छात्र खेल गतिविधियों को भी सुचारू रूप से शुरू रखें ।