चंबा (एमबीएम न्यूज़): बेईमानी के ज़माने में ईमानदारी कायम है। इसकी मिसाल हिमाचल प्रदेश पथ परिवहन निगम चंबा डिपो में अनुबंध आधार पर कार्यरत परिचालक शक्ति सिंह ने दिया है। जिसने गत दिनों बस में मिले 22 हजार रूपये की नगदी व पर्स को उसमें मालिक तक पहुंचा कर चैन लिया। असल मालिक तक पहुँचने के लिए शक्ति सिंह ने उच्च अधिकारियो की मदद भी ली।
एचआरटीसी चंबा एसओ हितेंद्र सिंह पठानिया ने बताया कि 20 मई को निगम की बस में परिचालक शक्ति सिंह को एक पर्स, एटीएम व 22,500 रूपये की नगदी मिली। जिसके मालिक कीे खोज के लिए उसने तत्काल का प्रयास किया। लेकिन उस दौरान किसी भी सवारी ने उसके साथ संपर्क नहीं किया। वहीं जिस बस में यह वाकया घटित हुआ वह कुछ देर के पश्चात अन्य रूट के लिए रवाना हो गई। जिसके चलते ईमानदार व निष्ठावान परिचालक ने मिले पर्स, एटीएम व नगदी को विभागीय अधिकारियों के समक्ष लाकर पूरी व्यथा व्यक्त कर दी।
इस दिशा में निगम की और से कार्यवाही अमल में लाते हुए एटीएम जारी करने वाले बैंक प्रबंधन के ध्यान में उक्त विषय को लाकर इस दिशा में जब छानबीन की तो ज्ञात हुआ कि गांव जटकरी पंचायत भड़िया-कोठी निवासी रमेश कुमार मिले नगदी आदि के मालिक है। जिस पर बैंक से रमेश कुमार मोबाइल नंबर लेकर उनसे संपर्क किया गया। उन्होंने बताया कि ऐसे समय पर पीड़ित रमेश कुमार की राशि गुम हुई जब उनका इसी माह के अंतिम सप्ताह में विवाह है और विवाह के एैन मौके पर उन्हें धन अभाव से दो-चार होना पड़ गया।
निगम कर्मी ने ऐसे समय जो अपनी ईमानदारी का परिचय दिया, जिसे न शायद निगम अधिकारी भूल पायेंगे और न ही यात्री रमेश कुमार स्वयं भूल पायेंगे। जिनकी विवाह के मौके पर खोया हुआ धन वापिस प्राप्त हुआ है। उन्होंने बताया कि यह नहीं परिचालक शक्ति सिंह ने इस ईमानदारी के संग-संग एक अन्य महानता का परिचय भी देते हुए यात्री द्वारा अपनी इच्छा दी जारी रही 11 सौ रूपये की ईनाम राशि को भी स्वीकार करने से इंकार कर दिया।
उन्होंने निगम के परिचालक शक्ति सिंह पर वह इस ईमानदारी एवं निष्ठा कार्य के लिए निगम की और से गर्व करते है, उन्हें निगम व सरकार की और से जल्द ही प्रशंसनीय पत्र दिलवाने की भी सिफारिश भी जरूर करेंगे।