कुल्लू (नीना गौतम) : मनाली व बंजार विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस में मचा घमासान का मामला राजा के दरबार पहुंच गया है। जानकारी के अनुसार इस घमासान को शांत करने व जिताऊ उम्मीदवारों की पैरवी को लेकर एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के दरबार पहुंच गया है। वरिष्ठ कांग्रेसियों के इस प्रतिनिधिमंडल में मनाली से नवीन तनवर जो पूर्व में नगर परिषद अध्यक्ष रहे हैं, की पैरवी की है जबकि बंजार से वर्तमान हिमबुनकर के अध्यक्ष टैहल सिंह राणा का पक्ष लिया है।
दोनों नेता मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के खासमखास लोगों में शामिल हैं। बंजार में जो क्षेत्रवाद का नारा चला हुआ है, उसके बारे में मुख्यमंत्री को अवगत करवा लिया गया है कि वहां पर कुछ लोगों ने क्षेत्रवाद का नारा दिया है। जबकि निचले क्षेत्र में अधिक मतदाता हैं, इसलिए क्षेत्र संतुलन को बनाए रखने के लिए टैहल सिंह राणा जिताऊ उम्मीदवार हो सकते हैं।
गौर रहे कि बंजार से इस समय प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुखविंद्र सिंह सुक्खू के समर्थक राम सिंह मिंया कांग्रेस में टिकट के प्रवल दावेदारों में से एक हैं, वहीं कर्ण सिंह के पुत्र आदित्य विक्रम सिंह भी पूरी तरह से चुनावी मैदान में उतर चुके हैं। लेकिन वरिष्ठ कांग्रेसियों के प्रतिनिधिमंडल ने मुख्यमंत्री से पैरवी करते हुए कहा है कि बंजार से वरिष्ठता को ध्यान में रखते हुए टैहल सिंह राणा को ही टिकट देना चाहिए।
वहीं, मनाली में कांग्रेस के भुवनेश्वर गौड़ और धर्मवीर धामी की लड़ाई से जो पार्टी को नुकसान हो रहा है, उससे भविष्य में भी भाजपा को लाभ न हो इसलिए दोनों की लड़ाई खत्म करने के लिए जनाधार वाले नेता नवीन तनवर की पैरवी की गई है। हालांकि यहां से नवीन तनवर के अलावा देवेंद्र नेगी, प्रेम शर्मा व भुवनेश्वर गौड़ सहित अन्य कुछ वरिष्ठ कांग्रेस नेता भी टिकट लेने की लाइन में खड़े हैं। वरिष्ठ कांग्रेसियों ने मुख्यमंत्री के समक्ष यह सारा मामला रखा है कि मनाली में धामी गोड की लड़ाई से कांग्रेस हार की कगार पर है, जबकि वोट बैंक यहां कांग्रेस का अधिक है इसलिए बीच का रास्ता निकालते हुए नवीन तनवर को मनाली से टिकट मिलने की पैरवी हुई है।
सनद रहे कि मनाली विधानसभा क्षेत्र में गौड़ परिवार और धामी परिवार में टिकट को लेकर चली जंग से कांग्रेस हारती रही है। जिसके चलते पहले राजकृष्ण गौड़ व धर्मवीर धामी में मामा-भानजा की लड़ाई में भाजपा प्रत्याशी जीत और अब धर्मवीर धामी व राजकृष्ण गौड़ के बेटे भुवनेश्वर गौड़ के बीच में टिकट की जंग के बाद फिर से भाजपा प्रत्याशी की जीत हुई। गत चुनाव में भी भुवनेश्वर गौड़ को टिकट मिला और धर्मवीर धामी आजाद उम्मीदवार के रूप में चुनावी मैदान में उतरे।
दोनों उम्मीदवारों को कांग्रेस के मत बंट गए और करीब दोनों उम्मीदवारों ने 16-16 हजार मत हासिल किए लेकिन भाजपा के गोविंद सिंह ठाकुर 17 हजार मतों से विजयी हुए। यह सारी स्थिति मुख्यमंत्री के समक्ष रखी गई है कि यदि इस बार भी यही खेल खेला गया तो फिर से गोविंद सिंह ठाकुर को चौथी बार भी परोसी हुई थाली मिलेगी। इसलिए दोनों की लड़ाई समाप्त करने के लिए नवीन तनवर को कांग्रेस के प्रत्याशी बनाने की पैरवी हुई है।