नाहन (एमबीएम न्यूज) : सरकारी स्कूलों में हिन्दी माध्यम में पढऩे वाला बेटा अब अंग्रेजी विषय में स्कूल लेक्चरर बना है। 27 वर्षीय तपेंद्र पंवार की सफलता के बारे में आपको जानना जरूरी है, क्योंकि प्रेरणास्त्रोत स्टोरी है। रेणुका विधानसभा क्षेत्र के भाटगढ़ के चाडऩा में प्रेम सिंह ठाकुर व सोखो देवी के घर जन्में तपेंद्र पंवार को पढ़ाई करना बड़ी चुनौती था, क्योंकि गुरबत की वजह से दो वक्त की रोटी का इंतजाम मुश्किल था तो माता-पिता पढ़ाई का खर्च कैसे उठाते। लेकिन परिवार ने हार नहीं मानी। पिता रोजाना 14 घंटे खेती-बाड़ी में लगे रहे। समय मिलने पर खुद तपेंद्र ने मनरेगा की दिहाडिय़ां की।
बीती देर शाम जब हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग ने नतीजा घोषित किया तो परिवार की खुशी की कल्पना आप खुद कर सकते हैं। एमबीएम न्यूज नेटवर्क से अपनी सफलता को साझा करते हुए तपेंद्र ने कहा कि प्राथमिक पढ़ाई चाडऩा में पूरी की। इसके बाद भाटगढ़ व ददाहू में शिक्षा पूरी करने के बाद नाहन से ग्रेजुएशन की। उन्होंने इच्छा जाहिर की कि अगर ग्रामीण इलाके में ही पोस्टिंग मिले, तो इससे बेहतर कुछ नहीं हो सकता, क्योंकि ग्रामीण इलाकों में आज भी शिक्षा का स्तर बेहतरीन करने की आवश्यकता है।
उन्होंने कहा कि वह अपने माता-पिता की इकलौती संतान है। उन्होंने कहा कि वह तो 8-10 घंटे की पढ़ाई करते थे, लेकिन पिता ने 14 घंटे की हाड़तोड़ मेहनत की है। बहरहाल एमबीएम न्यूज नेटवर्क तपेंद्र को इस सफलता पर बधाई देता है। साथ ही उम्मीद करता है कि अन्य युवा भी तपेंद्र की सफलता से प्रेरणा लेंगे।