हमीरपुर (एमबीएम न्यूज) : वीरवार को व्यास नदी में धार्मिक आस्था से प्रेरित हुए लोगों द्वारा बेडे छुडवाने वालों का सैलाब उमड पडा । लोगों ने सज धरे परिधानों में व्यास नदी के तट पर पहुंच कर किश्ती चलाने वाले खेवट मल्लाह को नए कपडे पगडियां पहनाई तथा बेडीयों किश्ती को हरें रंग के झण्डे लगाकर सजाया संवारा । भारी संख्या मे व्यास नदी किनारे पहुंचे महिलाओं तथा पुरूषों ने किश्ती में बैठ कर नदी को पार करने वाले यात्रियों को भी घरों से लाए गए व्यंजन, रोटियां, दलिया, बबरू तथा भटुरू आदि सप्रेम भेंट किए तथा मल्लाओं को किश्ती की पूजा अर्चना की तथा भविष्य में सुखशांति की प्रार्थनाएं की।
किश्ती के मल्लाहों गुलवंत सिंह , सन्नी, बलबीर ,हरीश कुमार ने बताया कि नदियों में इस महीने हर वीरवार को बेडे छोडने की प्रथा युगों पुरानी चली आ रही है । उन्होंने बताया कि प्राचीन समय से ही आस्था चली आ रही है कि जिस तरह बेडा नदी के पार जाकर लोगों को पार लगाता है ठीक उसी तरह नदी में बेडा छोडने वाले परिवार का मृत्यू उपरान्त भव सागर से बैडा पार हो जाता है । दूर दराज के क्षेत्रों से आए लोगों ने बताया कि गौना के निकट गलोल गांव से आऐ रत्न चन्द शर्मा तथा उनकी पत्नी राम प्यारी ने बताया कि वह लोग काफी अर्सा से मुंबई में बस गए हैं परन्तु अपनी मिट्टी की खुशबू, धार्मिक आस्था व संस्कार उन्होंने नहीं छोड़े हैं । इसलिए अपने पूरे गांव सहित आज यह पूजा अर्चना करने आऐ हैं । वहीं गलोड, बड़ा, भू पल, कांगू, मसरेहड आदि से भी काफी लोग यहां इस कार्य के लिए पहुंचे थे ।