नाहन (एमबीएम न्यूज): हालांकि अब नई व्यवस्था में साक्षात्कार की प्रणाली खत्म कर दी गई है। यह अलग बात है कि पीजीटी की भर्ती में साक्षात्कार लिए गए। एमबीएम न्यूज नेटवर्क ऐसे काबिल युवाओं की आपबीती पाठकों से लगातार साझा कर रहा है, जो कहीं न कहीं हिमाचल प्रदेश लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली से पीडि़त हैं।
ताजा मामला, पच्छाद विकास खंड के लानाबाका के 32 वर्षीय अनुराग ठाकुर से जुड़ा हुआ है। एलाईड की मेनस परीक्षा में 2016 के दौरान अनुराग ठाकुर लिखित परीक्षा में 309 अंक हासिल कर दसवें स्थान पर रहे। लेकिन साक्षात्कार में मात्र 50 अंक ही मिल सके। इस कारण अनुराग को अपने पसंदीदा विभाग से वंचित होना पड़ा।
दीगर रहे कि अनुराग ने 2015 में भी एलाईड क्वालीफाई किया था। उस दौरान भी मात्र 55 अंक दिए गए थे। अनुराग का कहना है कि यदि उन्हें 61 अंक मिल जाते तो आबकारी व कराधान विभाग में निरीक्षक का पद मिल जाता। उनका कहना है कि बावजूद इसके प्राप्त अंक इलैक्शन कानूनगो का पद हासिल करने के लिए पर्याप्त थे, लेकिन ऑप्शन में नहीं भरा था। इस वक्त 2015 के चयन के आधार पर उद्योग प्रसार अधिकारी के पद पर कार्यरत हैं।
उनका कहना है कि गलत नीति के कारण उनकी मेहनत पर पानी फिर गया है। कुल मिलाकर कमाल की बात यह रही है कि लिखित परीक्षा में दसवां स्थान हासिल किया, लेकिन साक्षात्कार में 31वें स्थान पर धकेल दिया।