कुल्लु (एमबीएम न्यूज) : हिमाचल की पावन धरा पर देवी देवताओं का अपना एक विशेष महत्व होता है और जब देव मिलन इतिहास में पहली बार हो रहा हो तो लोगों का सैलाब उमड़ आता है। ऐसा ही कुछ नजारा होगा गोपालपुर तथा थाटीविड़ पंचायत के लगभग 60 गांव के अराध्य देवता छमांहु नाग तथा चेथर तथा खावल क्षेत्र के अराध्य देवता वालुनाग के मिलन पर। बताते चले कि देव मिलन का यह अनुठा संगम इतिहास में पहली बार देखने को मिलेगा ।
देव मिलन की इस अनुठी परम्परा का आरम्भ अश्वनी सक्रांति अर्थात 16 सितंबर को बडाग्रां में शयरी उत्सव के साथ होगी । पहले दिन बड़ाग्रां में शयरी मेंले का आयोजन किया जाएगा और दूसरे दिन चेथर घाटी के अराध्य देवता वालु नाग गोपालुपर में कलिउण में अपने पूरे लाव लश्कर के साथ अपने हजारों हारीयानोें के साथ पंहुचेगें । इस देव मिलन के अवसर पर सैंकड़ों गांव के हजारों लोग भाग लेेंगे ।
इतिहास में पहली बार होने वाले इस मिलन का समारोह पांच दिनों तक चलता रहेगा जिसमें हर रोज सैंकड़ों लोग लोक नृत्य के माध्यम से इस देव मिलन के गवाह बनेगें देवता छमांहु नाग के कारदार मोहन सिंह, पुजारी महेन्द्र शर्मा, गुर चेत राम एवं जयसिंह, धामी कर्म सिंह, भंडारी तेजासिंह, पालसरा लुदरचंद, एंव इच्छा राम नम्बरदार ने जानकारी देते हुए बताया कि देवता छमांहु नाग तथा वालुनाग के इस ऐतिहासिक मिलन को लेकर दोनों क्षेत्रों में भारी उत्साह है जिसमें भारी संख्या में लोगों के शरीक होने की पूरी संभावना है।वहीं उन्होने कहा कि इस मिलन से जहां देव समाज को भारी बल मिलेगा वहीं इससे समाज में आपसी भाई चारे का संदेश भी मिलेगा।