बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा): डॉ. ज्योति ठाकुर की मौत का मामला बड़ी मिस्ट्री बनता जा रहा है। पोस्टमार्टम की रिपोर्ट के मुताबिक डॉ. ज्योति की मौत रात साढ़े 12 बजे हुई है। इसी रिपोर्ट ने यह भी बयान किया है कि डॉ. ज्योति के पेट में दाल व चावल पाए गए। विशेषज्ञों का तर्क है कि दो घंटे के भीतर ही खाना पच जाता है। परिवार कह रहा है कि ज्योति रात को भिंडी बनाने का जिक्र कर रही थी। तो सवाल यह उठता है कि दोपहर को खाया हुआ खाना पोस्टमार्टम की रिपोर्ट में कैसे आ गया।
सबसे बड़ा सस्पेंस इस बात पर जाहिर किया जा रहा है कि जब ज्योति ने शाम को अपने कमरे में खाना नहीं बनाया, न ही मकान मालिक के साथ खाया तो मौत से दो घंटे पहले ज्योति ने किसके साथ खाना खाया था। परिवार यह भी कह रहा है कि ज्योति ने शाम के वक्त फोन पर यह भी कहा था कि उसे भूख नहीं लग रही ओर वह रात को खाना नहीं बनाएगी। मकान मालिक का कहना है कि रात के समय वह मुख्य गेट पर ताला लगा देते हैं तो संशय इस बात पर बरकरार है कि ज्योति ने गेट बंद होने से पहले कहां व किसके साथ खाना खाया था।
इसके बारे में पुलिस भी कुछ भी बताने में असमर्थ है। जानकार बताते हैं कि फोरेंसिक टीम ने भी छानबीन के दौरान यह पाया था कि 6 सितंबर की रात ज्योति की रसोई में खाना नहीं बनाया गया था, न ही किसी बर्तन में दाल-चावल थे। इस बारे घुमारवीं के डीएसपी ने साफ शब्दों में कहा कि वह इस बारे कुछ नहीं बोल सकते हैं। उन्होंने कहा कि जांच से जुड़ी हर जानकारी डॉ. ज्योति के परिजनों को दी जा रही है।