नाहन (एमबीएम न्यूज): 14 साल की मासूम को गर्भपात का दर्द झेलना पड़ेगा। संभवत: मासूम को नहीं बताया गया है कि उसके गर्भ में 15 सप्ताह का शिशु पल रहा है। शायद, इस तरह का ऑपरेशन डॉ. वाईएस परमार मेडिकल कॉलेज में पहली बार हो रहा होगा। साथ ही पीडि़ता को नहीं बताया गया होगा कि उसे क्यों ऑपरेट किया जा रहा है। दीगर बात यह भी है कि चिकित्सकों की टीम शिशु के गर्भ में ही डीएनए सैंपल भी लेगी ताकि इनका मिलान आरोपी के डीएनए से हो सके।
कानून बलात्कार पीडि़त नाबालिग को 20 सप्ताह तक गर्भपात की अनुमति देता है। 12 सप्ताह तक एक डॉक्टर ऑपरेट कर सकता है, जबकि इससे ऊपर पैनल ऑफ डॉक्टर्स को जिम्मेदारी मिलती है। यह सीमा पार कर जाने की स्थिति में कोर्ट की इजाजत के बगैर गर्भपात नहीं करवाया जा सकता। 11 सितंबर को श्री रेणुका जी पुलिस ने जरग की एक महिला की शिकायत पर आईपीसी की धारा-376 के तहत मामला दर्ज किया था। पीडि़ता की उम्र 14 साल होने की पुष्टि होने के बाद पुलिस ने पोक्सो एक्ट को भी शामिल कर लिया गया है। महिला ने कहा कि दो महीने पहले जब उसकी बेटी पशु चराने गई थी तो ओम प्रकाश ने दुराचार किया था।
इस मामले में सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि आरोपी रसूखदार नहीं है। पीडि़ता भी बेहद गरीब परिवार से ताल्लुक रखती है। लिहाजा यह भी साफ है कि अज्ञानता के कारण मां ने अपराध को छिपाए रखा, लेकिन चाइल्ड लाइन ने महिला को मोटिवेट किया। इसके बाद मामला पुलिस तक पहुंचा।
उधर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक विनोद धीमान ने पुष्टि करते हुए कहा कि आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया है, जिसे 14 सितंबर तक पुलिस रिमांड मिला है।
वहीं संपर्क किए जाने पर मेडिकल कॉलेज के स्त्री रोग विशेषज्ञ डॉ. अमोध ने कहा कि पीडि़ता को दाख्रिल कर लिया गया है। जल्द ही तय मापदंडों के मुताबिक ऑपरेट किया जाएगा।