मंडी (वी कुमार) : फिल्म डायरेक्टर संजय लीला भंसाली ने जो भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ कर विवादित पदमावती फिल्म बनाई है, वह हिमाचल प्रदेश में भी बैन होनी चाहिए। मंडी से जारी बयान में सांसद राम स्वरूप शर्मा ने यह बात कही। उन्होंने कहा कि इस विवादित फिल्म को कुछ राज्यों ने बैन कर दिया है तथा हिमाचल में भी यह फिल्म बैन होनी चाहिए।
भारतीय इतिहास को नष्ट करने के लिए बड़े पैमाने पर साजिश चल रही है। इस साजिश के तहत जिन लोगों ने भारत को लूटा उन्हें महान बताया जा रहा है और जिन्होंने अपने देश के लिए प्राण न्यौछावर कर दिए उन्हें आतंकवादी बताया जा रहा है। फिल्म पदमावती में भी भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश की गई है।
रानी पदमावती का गौरवशाली इतिहास रानी लक्ष्मीबाई की तरह है तथा उन पर की गई छींटाकशी किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं होगी। कुछ तथाकथित इतिहासकारों ने सिकंदर को महान, अकबर को ग्रेट बताकर हमारे वीर योद्धा महाराणा प्रताप, शिवाजी, आचार्य चाणक्य, चंद्रगुप्त मौर्य, गुरु गोबिंद सिंह को इतिहास के पन्नों से गायब करके इन वीर योद्धाओं को हाशिए पर धकेलने की कोशिश की है।
भारतीय वीरों पर इतिहासकारों ने सही ढंग से पाठयक्रम में इनके बारे में सच्चाई बताई होती तो वर्तमान में इतिहास के पन्नों से अकबर, सिकंदर, अलाऊदीन खिलजी, हुमांयू, औरंगजेब इत्यादि गायब होते। उन्होंने कहा कि रानी पदमावती का गौरवशाली इतिहास बताता है कि उन्होंने कभी भी खिलजी के आगे घुटने नहीं टेके और हजारों वीरांगनाओं के साथ जौहर स्वीकार किया। भारत की इन वीरांगनाओं पर प्रत्येक भारतीय को नाज है तथा जो भी फिल्म डायरेक्टर भारतीय इतिहास के साथ छेड़छाड़ करने की कोशिश करेगा उसे कभी भी माफ नहीं किया जाएगा।