शिमला (एमबीएम न्यूज) : लोकतंत्र के महाकुंभ ‘विधानसभा चुनाव’ में मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह, विधानसभा अध्यक्ष बीबी बुटेल, मंत्री ठाकुर कौल सिंह व दिवंगत मंत्री कर्ण सिंह की अगली पीढ़ी को जनता की अदालत ने स्वीकार किया है या नहीं, इस पर भी 18 दिसंबर को जनादेश आना है। कांग्रेस का ही तर्क था कि एक परिवार से एक को ही टिकट मिलेगा, लेकिन चुनाव में ऐसा नहीं हुआ। पार्टी कुछ भी मापदंड बना ले, लेकिन असल फैसला जनता जनार्दन को ही करना है।
मुख्यमंत्री वीरभद्र सिंह के बेटे विक्रमादित्य को ‘शिमला ग्रामीण’, विधानसभा अध्यक्ष बीबी बुटेल के बेटे आशीष बुटेल को पालमपुर से उतारा गया तो ठाकुर कौल सिंह की बेटी व मंडी की जिला परिषद अध्यक्षा चंपा ठाकुर का सामना कांग्रेस छोडक़र भाजपा में गए अनिल शर्मा से हो रहा है। वहीं कुल्लू के बंजार से स्व. कर्ण सिंह के बेटे आदित्य विक्रम सिंह को टिकट दिया गया था। ज्वाली सीट पर सीटिंग विधायक नीरज भारती ने अपने पिता चंद्र कुमार के लिए सीट छोड़ी।
उधर नाहन हलके में डॉ. वाई एस परमार के बेटे कुश परमार के बाद पौत्र चेतन परमार ने टिकट मांगा था। 35 साल से परिवार के ईर्द-गिर्द ही राजनीति थी, लेकिन कांग्रेस ने टिकट काट कर अजय सोलंकी को दिया तो चेतन परमार भाजपा में शामिल हो गए।
अहम बात यह है कि भाजपा ने इस चुनाव में किसी भी नेता के बेटे-बेटी को टिकट नहीं दिया था। बहरहाल देखना यह है कि मुख्यमंत्री समेत दिग्गज नेताओं के बेटे व बेटियां जनता की अदालत में पास होते हैं या फिर फेल। नतीजा 18 दिसंबर सुबह 11 से 12 बजे तक सबकुछ साफ कर देगा।