बद्दी(एमबीएम न्यूज़): हिमाचल प्रदेश के दिव्यांगो को राज्य के उद्योगों में समायोजित करने के लिए अन्यथा सक्षम राष्ट्रीय आजीविका सेवा केंद्र ऊना व औद्योगिक संघ लघु उद्योग भारती मिलकर एक अभियान की शुरुआत करेंगे। इसके तहत राज्य के दिव्यांगों को व्यवसायिक पुर्नवास एवं रोजगार उनमुख करने के लिए औद्योगिक क्षेत्र बददी में एक बैठक का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता लघु उद्योग भारती बददी अध्यक्ष संजय बतरा ने की।
वहीं कार्यक्रम में विशेष तौर पर अन्यथा सक्षम राष्ट्रीय सेवा केंद्र ऊना (हिमाचल) के केंद्र प्रमुख डा. बी. के पांडे उपस्थित हुए। बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि ऊना में पंजीकृत होकर विभिन्न केंद्रो में प्रशिक्षण पाने वाले दिव्यांग युवकों का किसी प्रकार हिमाचल के उद्योगों में व्यावसायिक पुर्नवास किया जाए। इन हुनमंद युवाओं को उनकी योग्यता के आधार पर उद्योगों में समायोजित किया जा सकेगा।
पत्रकारों को संबोधित करते हुए ऊना केंद्र के प्रमुख डा. बी. के पांडे व लघु उद्योग भारती के अध्यक्ष संजय बतरा, वित्त सचिव संजय आहुजा, उपाध्यक्ष चेतन नागर व ईएसआई कमेटी के चेयरमैन कश्मीर सिंह ठाकुर ने बताया कि दोनो पक्षों में आज दिव्यांगों के व्यावसायिक पुर्नवास को लेकर अहम वार्ता हुई। सबने एक ही चिंता व्यक्त की कि किसी भी प्रकार से शारीरिक रुप से अक्षम लेकिन हुनरमंद युवा जो कि किसी न किसी तकनीकी विधा का ज्ञान रखता है को उसकी योग्यता के हिसाब से नौकरी दी जाए।
इसके पीछे सभी की एक ही मंशा थी कि शारीरिक रुप से अक्षम समाज का यह अभिन्न अंग सिर उठाकर अपना जीवन व्यतीत कर सके और उसको अपनी जरुरत के लिए किसी का मुंह न ताकना पड़ेे। इस अवसर पर लघु उद्योग भारती के प्रदेश महामंत्री राजीव कंसल, तरसेम शर्मा, अनिल मलिक, विजय कुमार व कार्यालय सचिव शिल्पा चंदेल भी उपस्थित थे।
दिव्यांग के उत्थान के लिए लगेगा जॉब फेयर
अन्यथा सक्षम राष्ट्रीय सेवा केंद्र ऊना (हिमाचल) के केंद्र प्रमुख व औद्योगिक संगठन लघु उद्योग भारती बददी के पदाधिकारियों में इस बात पर आंशिक सहमति बनी कि शीघ्र ही दोनो संस्थाएं मिलकर प्रदेश में एक दिव्यांग जॉब फेयर लगाएंगे। इस जॉब फेयर में हुनरमंद दिव्यांग युवाओं को आमंत्रित करके उनकी बीबीएन के उद्योगों में अवसर उपलब्ध कराए जाएंगे।
डा. बी. के पांडे ने कहा कि हम समस्त उद्यमियों से आग्रह करेंगे कि वह अपने-अपने कारखानों में यह सुनिश्चत करें कि कम से कम एक-एक दो-दो ऐसे दिव्यांगजनों को योग्यता के आधार पर नौकरी के अवसर प्रदान करें ताकि वह भी समाज की मुख्य धारा में जुडकर स्वयं को गौरवान्वित महसूस कर सकें।