मंडी (वी कुमार) : जिला की देव संस्कृति काफी प्राचीन है और इसे भावी पीढ़ी तक निरंतर पहुंचाया जा सके, इसके लिए सर्व देवता समिति ने प्रयास करना शुरू कर दिए हैं। सर्व देवता समिति जिला के सभी प्राचीन देवी-देवताओं, मंदिरों और शिवरात्रि महोत्सव के इतिहास को लेकर एक स्मारिका का प्रकाशन करने जा रही है। स्मारिका में जिले के 500 से भी अधिक देवी-देवताओं का संपूर्ण विवरण दिया जाएगा।
मसलन देवी-देवता का मंदिर और मूल स्थान कहां पर है, प्रकट कैसे हुए, मान्यताएं क्या हैं, मंदिर तक कैसे पहुंचा जा सकता है और देवी-देवता के पास कितनी जमीन और धन-दौलत है। ऐसी जानकारियों को सर्व देवता समिति ने जुटाना शुरू कर दिया है और अभी तक समिति के पास 80 देवी-देवताओं का विवरण भी पहुंच चुका है। सर्व देवता समिति के अध्यक्ष शिव पाल शर्मा की मानें तो अभी तक प्रशासन के पास भी देवी-देवताओं की संपूर्ण जानकारी मौजूद नहीं है। प्रशासन भी हर वर्ष महोत्सव के दौरान फाइलों को ही खंगातलता है।
स्मारिका बन जाने से जहां प्रशासन को इससे मदद मिलेगी वहीं भावी पीढ़ी तक देव संस्कृति को पहुंचाया जा सकेगा। सर्व देवता समिति के अनुसार उनके पास स्मारिका के प्रकाशन के लिए धन उपलब्ध नहीं है, इसलिए इन्होंने जिला प्रशासन से इसके लिए शिवरात्रि महोत्सव आयोजन समिति से धन उपलब्ध करवाने की गुहार लगाई है। वहीं सर्व देवता समिति जिला में जारी संस्कृति सदन के निर्माण कार्य में तेजी लाने की मांग भी उठाई है।
बता दें कि इसके लिए राज्य सरकार द्वारा 7 करोड़ की राशि जारी की जा चुकी है लेकिन निर्माण कार्य काफी धीमी गति से चल रहा है। देवता समिति ने चौहाटा में होने वाली जातर के लिए उचित व्यवस्था का सुझाव भी जिला प्रशासन को दिया है क्योंकि इस बार चौहाटा बाजार में सौंदर्यीकरण के नाम पर काफी बदलाव किया गया है।