शिमला (एमबीएम न्यूज़) : बहुचर्चित गुड़िया रेप एंड मर्डर केस के एक आरोपी सूरज की हिरासत में हुई मौत के मामले में सीबीआई द्वारा गिरफ्तार आईजी जहूर ज़ैदी, एसपी डीडब्ल्यू नेगी और डीएसपी मनोज जोशी सहित 9 पुलिस वालों की न्यायिक हिरासत अदालत ने फिर बढ़ा दी है। अदालत ने गुरुवार को इन्हें 19 दिसम्बर तक न्यायिक हिरासत में भेजने के आदेश दिए।
जांच एजेंसी सीबीआई ने आज वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिये आरोपी पुलिस वालों को स्थानीय अदालत में पेश किया। सीबीआई की तरफ से दलील दी गई कि पुलिस वालों के अभियोजन मंजूरी के लिए शासन से मंजूरी मांगी गई है, लेकिन अभी तक मंजूरी नहीं मिली है। इसके बाद अदालत ने सभी आरोपियों की न्यायिक हिरासत बढ़ाने के आदेश सुनाए। अब सीबीआई 19 दिसम्बर को इन्हें फिर अदालत में पेश करेगी।
सनद रहे कि गुड़िया और सूरज हत्याकांड मामलों को लेकर सीबीआई 20 दिसम्बर को उच्च न्यायालय में फाइनल स्टेटस रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।
इस बीच आरोपी पुलिस वालों की पैरवी करने के लिए अधिवक्ता आज भी अदालत में पेश नही हुआ। लिहाज़ा पुलिस वालों के वॉयस सैम्पल केस पर सुनवाई नही हो पाई।
दरअसल सीबीआई उक्त पुलिस वालों के वॉयस सैम्पल चाहती है। इसके लिए जांच एजेंसी ने अदालत में अर्जी दी है। केस की तफ्तीश के दौरान सीबीआई ने पुलिस वालों के मोबाइल कब्ज़े में लिए थे। जिनमें सन्दिग्ध बातचीत सीबीआई के हाथ लगी है। इसी की पुष्टि के लिए एजेंसी पुलिस वालों के वॉयस सैम्पल लेकर साक्ष्य जुटाना चाहती है। दिलचस्प यह है कि जिन अधिवक्ताओं ने पुलिस वालों का केस लड़ने की हामी भरी थी, उन्हें बार एसोसिएशन ने बाहर कर रखा है।
गौरतलब है कि सूरज की 18 जुलाई की रात्रि कोटखाई थाने की हवालात में मौत हुई थी। पुलिस की एसआईटी ने गुड़िया रेप मर्डर केस में जिन 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया था, उनमे एक सूरज था।
उच्च न्यायालय के आदेश पर सीबीआई ने दोनों मामलों की जांच अपने हाथ में ली और सूरज हत्या केस में 29 अगस्त को आईजी व डीएसपी सहित 8 पुलिस वालों को गिरफ्तार किया। जबकि इसी मामले में एसपी नेगी को 16 नवंबर को गिरफ्तार किया गया।
नेगी को छोड़कर अन्य सभी 8 पुलिस वालों के खिलाफ 25 नवंबर को 600 पन्नों की चार्जशीट अदालत में दाखिल की गई थी, जबकि एसपी नेगी के खिलाफ 20 दिसम्बर तक चार्जशीट दाखिल की जाएगी।