नाहन (एमबीएम न्यूज): हौंसलें बुलंद हो तो असफलता भी हार मान लेती है। साथ ही उम्र का तकाजा भी कोसों मील पीछे रह जाता है। आप यह जानकर आश्चर्यचकित रह जाएंगे कि एक शख्स पिछले 80 सालों से पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा रहा है। 10 साल की उम्र में पौधे लगाने शुरू किए, जो बदस्तूर आज भी जारी है।
बंजर भूमि में पौधों को रोंप कर जंगल तैयार कर चुके मीन सिंह आज बड़ा चेहरा होना चाहिए, लेकिन विडंबना यह है कि मीन सिंह को कोई पहचान देने का प्रयास नहीं हुआ। नौहराधार तहसील की देवना पंचायत के फागनी निवासी मीन सिंह ने 80 सालों में एक लाख से अधिक पौधे लगाए हैं, जिसमें देवदार, बान, चीड़ व कायल इत्यादि हैं। विश्वास कीजिए कि एक-एक पौधे को मीन सिंह अपने बच्चे की तरह सहेजते हैं। आज मीन सिंह के लगाए पौधे जंगल में तबदील हो चुके हैं।
इस जंगल में घूमने के दौरान मीन सिंह के चेहरे पर एक सुकून सा फैल जाता है। विशेष बातचीत के दौरान मीन सिंह ने बताया, बचपन से ही पौधे लगाने का शौक था। 60 के दशक में वन विभाग में पौधारोपण का कार्य किया। इसके बाद से पौधे रोंपना दैनिक जीवन का हिस्सा बन गया। 90 साल की उम्र हो जाने के बावजूद देवदार, बान व चीड़ के बीजों को जंगल में गिराकर रोपित करते हैं। जैसे ही अंकुर फूटता है, उसके बाद देखभाल में जुट जाते हैं।
अंकुरित होकर पौधा बनते देखने के लिए भी समय-समय पर दौरा करते रहते हैं। आप यह भी जानकर दंग हो जाएंगे कि आज फागनी व देवना में कहीं भी बंजर भूमि नहीं है। क्षेत्र में देवदार, बान व चीड़ के जंगल शान से लहरा रहे हैं।
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