कांगड़ा (एमबीएम न्यूज): 20 साल की नर्सिंग छात्रा की सनसनीखेज हत्या ने हर किसी को कोटखाई की गुडिया की याद ताजा करवा दी। लेकिन कांगड़ा की गुडिया को न्याय दिलाने के मकसद से किसी को कोई आंदोलन नहीं करना पड़ा, क्योंकि ज्वाली में डीएसपी के पद पर तैनात वीर बहादुर ने जंगल में लाश मिलने के बाद संयम से कार्य किया। पूरी तसल्ली के बाद 15 घंटे के भीतर ही हत्यारे को दबोच लिया।
सूबे के पुलिस महानिदेशक एसआर मरडी ने डीएसपी को प्रशंसापत्र भी जारी किया है। जांच को भी पूरे वैज्ञानिक तरीके से आगे बढ़ा रहे हैं। पीडि़ता के परिवार के सदस्यों को जांच का हिस्सा बनाया जा रहा है। 2011 बैच के एचपीएस अधिकारी खुद भी फोरेंसिक एक्सपर्ट हैं। फोरेंसिक लैब में सहायक वैज्ञानिक के तौर पर कार्य करने का लगभग डेढ़़ साल का अनुभव है। तीन साल तक कामयाब शिक्षक भी रहे।
मूलत: मंडी के जोगिन्द्रनगर उपमंडल के तहत लड़भड़ोल के रहने वाले एचपीएस वीर बहादुर संभवत: एकमात्र पुलिस अधिकारी हो सकते हैं, जो खुद भी फोरेंसिक एक्सपर्ट हैं। कहते हैं कि कुछ लोगों को गॉड गिफ्ट भी होता है। यह बात भी एचपीएस अधिकारी पर सटीक बैठती है। 2013 में नालागढ़ व बद्दी में प्रोबेशनल पीरियड के दौरान एसएचओ के पद पर तैनात थे।
अप्रैल 2013 में टोल टैक्स बैरियर पर हत्याकांड का सनसनीखेज मामला सामने आया। लेकिन मर्डर मिस्ट्री को चंद दिनों में न केवल सुलझा दिया गया, बल्कि 12 आरोपियों को कोर्ट ट्रायल में दोषी पाने के बाद आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई। जून 2013 में ही ब्लाइंड मर्डर मिस्ट्री ने चुनौती पैदा कर दी, लेकिन संयम को नहीं छोड़ा। वैज्ञानिक व फोरेंसिक सबूतों के आधार पर गुनाहगार को ढूंढ निकाला। महज एक साल के कार्यकाल में तीन मर्डर मिस्ट्री को कै्रक करने में सफल रहे। यहां तक की डकैती की एक घटना का पर्दाफाश करने में सफलता पाई।
एमबीएम न्यूज नेटवर्क से बातचीत में डीएसपी वीर बहादुर ने कहा कि निश्चित तौर पर फोरेंसिक की जानकारी होने से जांच में मदद मिलती है। उन्होंने कहा कि जहां तक नर्सिंग छात्रा की हत्या की बात है तो पूरे वैज्ञानिक व फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर जांच को आगे बढ़ाया जा रहा है। उनका कहना है कि आरोपी का दोबारा पुलिस रिमांड लिया गया है। तफ्तीश की जा रही है।