कांगड़ा (रीना शर्मा) : हिमाचल प्रदेश क्रिकेट एसोसिएशन पर अपने ही खिलाडियों की अनदेखी का बडा खुलासा सामने आया है। हिमाचल की टीम के लगातार डेब्यू मैच से ही अपना हुनर दिखा रहे लेफ्ट आर्म स्पिन गेंदबाज अर्जुन शर्मा को एचपीसीए ने विजय हजारे रणजी ट्राफी वन डे 2018 में शामिल न करके दिल्ली के खिलाडी पर मेहरबानी दिखाई है । एक्जिक्यूटिव मेंबर कांगड़ा क्रिकेट एसोसिएशन प्रवीण कुमार (पिन्नू) ने इसका खुलासा किया है।
उन्होने हैरानी जताई कि हिमाचल के खिलाडियों को हिमाचल की टीम मे ही जगह नही मिलेगी तो और कहां मिलेगी। जिनकी सिलेक्शन चेयरमैन एचपीसीए अमित शर्मा व चयनकर्ता राजीव नैय्यर, जसवंत राय ने मिलकर इस पूरे घटनाक्रम को अंजाम दिया है। इसका खुलासा तब हुआ जब विजय हजारे रणजी वनडे 2018 टीम की सूची एचपीसीए द्वारा जारी की गई। उसमें साफ हो गया कि चेयरमैन ने अपने चहेते पर पूरी मेहरबानी दिखाई और उसे टीम मे शामिल कर लिया।
जिस खिलाडी को टीम में शामिल किया गया उसने पूर्व टूर्नामेंटो में वर्ष 2015-16 में अंडर 23 में मात्र 223 रन और वर्ष 2016-17 में मात्र 245 रन बनाए और जिस खिलाडी को शामिल नही किया गया उसने वर्ष 2016-17 में अंडर 23 सीके नायडू ट्राफी मात्र 618 वर्ष 2017-18 में अंडर 23 सीके नायडू ट्राफी में 548 रन बनाए, इसमें इस खिलाडी ने 237 रन नाबाद और 158 नाबाद रन बनाए। आल इंडिया में सर्वाधिक रन बनाने वाले बल्लेबाज हिमाचली खिलाडी का टीम में चयन नही किया गया जो कि चयन प्रक्रिया पर ही बडा सवाल है।
वहीं हमीरपुर से खेलने वाले अर्जुन शर्मा 2017-18 में अंडर 23 सीके नायडू के कप्तान रहे। वर्ष 2015-16 सर्वश्रेष्ठ 10 विकेट 115 रन, 2016-17 में 27 विकेट और 211 रन, सर्वश्रेष्ठ 102 नाबाद, 2017-18 सर्वश्रेष्ठ 18 विकेट 162 रन बनाने के सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन को दरकिनार कर विजय हजारे ट्राफी 2018 की टीम में चयन ना करके हिमाचल के खिलाडियों की एचपीसीए द्वारा तरजीह दिए जाने वाले दावों पर सवाल खुद निष्पक्ष चयन प्रकिया पर खडे कर दिए है।
इसका जवाब जरुर मांगा जाएगा ताकि हिमाचली क्रिकेट खिलाडियों की अनदेखी न हो और अच्छे खिलाडी एचपीसीए के कुप्रबंधन की बदौलत उनका भविष्य अंधकारमय न हो, इसलिए जब तक यह मामला पूरी तरह से नही सुलझता तब तक संघर्ष जारी रहेगा। वहीं हैरत की बात है कि एचपीसीए और सांसद अनुराग ठाकुर को भी लिखित शिकायत सौंपी गई है लेकिन अभी तक इस गंभीर मामले में कोई भी एचपीसीए द्वारा उचित कार्रवाई नही की गई है।