बिलासपुर (अभिषेक मिश्रा): पंजाब के प्रसिद्ध संगीत निर्देशक जॉनी विर्क के साथ रब जाने गीत से धमाल मचाने वाली झंडूता क्षेत्र की अमीशा नेगी अब प्रेमी युगलों को लेकर गाए “सांवरे” गीत से सुर्खियों में है। यू-ट्यूब पर रिलीज हुए इस गीत की लोकप्रियता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि वेलेंटाइन डे के मौके पर रिलीज हुए इस गीत को महज दो दिनों में ही करीब दो हजार से अधिक लोग देख चुके हैं।
अमीशा की गायिकी की सबसे दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने संगीत की शिक्षा संगीत के क्षेत्र में ख्याति प्राप्त किसी व्यक्ति विशेष से नहीं बल्कि इंटरनेट को ही अपना गुरु मानकर ली है। अमीशा को इसका फल भी मिला और आज अपने इसी इंटरनेट गुरु की बदौलत अमीशा संगीत की दुनिया में खूब नाम कमा रही है। विशेष बातचीत में अमीशा ने बताया कि संगीत के बिना जीने की वह कल्पना भी नहीं कर सकती हैं। पंजाब यूनिवर्सिटी से बीएससी ऑनर की पढ़ाई कर रही अमीशा बताती हैं कि पढ़ाई के बाद उनके जहन में सिर्फ एक ही बात रहती है और वह है संगीत है।
उन्होंने बताया कि पढ़ाई के साथ-साथ किसी संगीत के अध्यापक के पास जाने का समय नहीं मिलता था। ऐसे में उन्होंने इंटरनेट को ही अपना गुरु मानकर वोकल म्यूजिक में रियाज करना शुरू कर दिया। क्योंकि परिवार में पहले से ही संगीतमयी माहौल रहा है, ऐसे में उन्हें इंटरनेट के जरिए संगीत की एबीसीडी सिखने में कोई ज्यादा दिक्कत नहीं हुई। रोजाना तीन से चार घंटे का रियाज करने के बाद वह अपने लिए गीत भी लिखती रहती हैं। सांवरे गीत को भी उन्होंने बड़ी शिद्धत के बाद लिखा है।
इसके बाद ही इस गीत की कंपोजिशन पूरी हुई और फिर उन्होंने इस गीत को गाया है। गाने के बाद जैसे ही उन्होंने इसे यू-ट्यूब पर डाला तो संगीत के चाहने वालों द्वारा उनके इस गीत को खूब पसंद किया जाने लगा। अमीशा ने कहा कि अपनी गायकी को वह एक प्रोफेशनल सिंगर के रूप में हमेशा जारी रखना चाहती है।
घुमारवीं में वैटरिनरी फार्मासिस्ट के पद पर कार्यरत पिता ओम प्रकाश नेगी व माता रीता नेगी के घर जन्मी अमीशा ने सफलता का श्रेय अपने माता-पिता को दिया है। वह कहती है कि आगे बढ़ते रहने के लिए माता-पिता के बढ़कर कोई और नहीं हो सकता है। संगीत के क्षेत्र में उनके माता-पिता ने हमेशा सहयोग करते हुए उन्हें इसके लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि अभी तक वह सिर्फ सिंगल ट्रैक पर ही काम कर रही है।
हालांकि कुछ पंजाबी गीतों का ऑफर भी मिला है, लेकिन वह सिर्फ हिंदी गीतों पर ही अपना ध्यान केंद्रित किए हुए है। पहाड़ी गीत गाने के सवाल पर उन्होंने कहा कि अभी तक उन्होंने इस बारे में कुछ सोचा नहीं है। जब कभी भी कोई पहाड़ी गीत गाउंगी तो वह उस गीत को लिखने और उसकी धून बनाने का काम स्वयं करेंगी। लेकिन जब भी कुछ करूंगी तो वह नया ही होगा।