एमबीएम न्यूज/शिमला
बिहार की राजधानी पटना में एक अरसे से दबंग एसएसपी के तौर पर तैनात मनु महाराज को डीआईजी के पद पर प्रमोशन मिली है। हिमाचली लाल ने यह सफर 13 साल में पूरा किया है। 2005 में मनु महाराज ने यूपीएससी की परीक्षा उत्तीर्ण की थी, यहां उनके सामने आईएएस बनने का भी अवसर था। बचपन से ही पुलिस अधिकारी बनने का सपना देखने वाले मनु महाराज ने आईपीएस को ही चुना। देश भर में आईपीएस मनु महाराज की पहचान रियल लाइफ सिंघम के तौर पर होती है।
मनु महाराज की फिल्मी हीरो की तरह स्टाइलिश मूंछे, सुडौल शरीर व दबंग अंदाज से ही अपराधी थर-थर कांपने लगते हैं। देवभूमि के लिए गौरव की बात इस कारण है, क्योंकि देश का एक नामी आईपीएस अधिकारी हिमाचल का बेटा है। खास बात यह है कि अपराध जगत में विषम परिस्थितियों के बावजूद भी मुस्कुराते रहने वाले मनु महाराज का एक अंदाज यह भी है कि वो अपराधियों के साथ भी अपशब्दों का इस्तेमाल नहीं करते। बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार का भी हिमाचली बेटा चहेता है।
पिता की नौकरी के दौरान मनु महाराज ने राज्य के कई हिस्सो में बचपन बिताया। इसमें सबसे ज्यादा नाहन व धर्मशाला की यादें उनके जहन में ताजा हैं। नाहन के चौगान मैदान में हॉकी खेलना भी नहीं भूल पाए हैं। उल्लेखनीय है कि बिहार जैसे राज्य में अपराध पर अंकुश लगाना एक पुलिस अधिकारी के लिए आसान नहीं होता, लेकिन हिमाचली बेटे ने कर दिखाया है।
क्या है हिमाचल से नाता….
वैसे आईपीएस मनु महाराज का गृह क्षेत्र चंबा जिला का डलहौजी है, लेकिन परिवार शिमला में सैटल है। पिता विष्णु कीर्ति बिजली बोर्ड से बतौर अधीक्षण अभियंता सेवानिवृत हुए, जबकि चंद्र प्रकाश मुख्य चिकित्सा अधिकारी के पद से रिटायर हो चुकी हैं। शिमला में ही पढ़ाई करने के बाद मनु महाराज ने आईआईटी रूड़की से बीटेक किया। चाहते तो मल्टी नेशनल कंपनी में नौकरी से हर साल करोड़ों रुपए का पैकेज ले सकते थे, लेकिन इसकी बजाय आईपीएस अधिकारी बनने के सपने को पूरा कर दिया। अपराधियों को दबोचने के जो सपने बचपन में देखे थे, उन्हें पिछले 13 साल से पूरा भी कर रहे हैं।
यह हैं खूबियां….
एमबीएम न्यूज नेटवर्क ने आईपीएस से जुड़ी खूबियों को ढूंढने का प्रयास किया।
1- रात के वक्त पटना की सडक़ों पर जब सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लेने निकलते है तो सरकारी वाहन की बजाए बाइक पर जाते हैं। चेहरे पर नकाब पहन लेते हैं, ताकि कोई पहचाने न। जान बूझकर हैल्मेट नहीं पहनते, ताकि पता चले कि पुलिस कर्मी चैकिंग करेंगे या नहीं।
2- एक मर्तबा आईपीएस अधिकारी ने अपने चेहरे पर गमछा लगा लिया। पैर में टूटी चप्पल पहनकर साइकिल पर सवार होकर चल पडे। रास्ते में पुलिसवालों को बोले साहब मजदूरी करके लौट रहा था रास्ते में बदमाशों ने लूट लिया। मदद की बात अनसुनी करने वाले पुलिस कर्मियों पर उचित एकशन लिया गया।
3- एंटी नक्सल ऑपरेशन के स्पेशलिस्ट होने की वजह से भी मनु महाराज को बिहार पुलिस में दबंग माना जाता है। उपलब्धियों पर राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी द्वारा सम्मानित किया जा चुका है।
4- अब तक 1 लाख से अधिक खूंखार अपराधियों को सलाखों के पीछे धकेल चुके है।
5- नक्सल प्रभावित क्षेत्र रोहतास में तैनात रहने के दौरान आईपीएस की कोशिश से ही तीन दशक से नक्सलवाद के जाल में फंसे लोगों को खुले में सांस लेने का मौका मिला। कईयों ने आत्मसमर्पण किया। कुख्यात नक्सली मुन्ना समेत 4 ने मनु महाराज के सामने घुटने टेके।
6- एमबीएम ने जुटाई जानकारी में पाया कि एक मर्तबा बेबाक स्टाइल का सहारा लिया गया। सिंघम के नाम से चर्चित मनु महाराज ने बेहद सुरक्षित कोतवाली थाना से खुद ही जीप चोरी कर ली, ताकि पता लगा सकें कि कर्मी कितने अलर्ट हैं। साहब का इस तरह का स्टाइल देखकर खुद पुलिस कर्मी दंग रह गए।
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